चयन परीक्षण
चयन परीक्षण
मजदूर संगठन की आत्मा होते हैं। चूँकि यह आवश्यक ऊर्जा देने वाले और नाजुक कारक हैं, उत्पादन के संगठन की उचित सावधानी इनकी नियुक्ति पूर्व बरतनी चाहिए। योग्य, प्रतिस्पर्धी और बुद्धिमान कार्मिक संगठन के लिए अनमोल होते हैं। वही इसमें कोई शक नहीं कि अयोग्य और अकुशल कर्मचारी संगठन में बोझ साबित होते हैं इसलिए उम्मीदवार का नियुक्ति पूर्व पूरा परीक्षण करना चाहिए। यह निम्नलिखित जाँचें की जा सकती हैं:
1.सामान्य जाँच
(अ)लिखित जाँच
(ब)व्यापारिक जाँच
(स)मेडिकल जाँच
(द)कृत्य के दौरान जाँच
2.मनोवैज्ञानिक जाँच
(अ)उपलब्धि जाँच
(ब)वास्तविकता जाँच
(स) बुद्धिमत्ता जाँच व्यक्तित्व, चरित्र और अभिरुचि जाँच
रुचि जाँच
(फ) बदलाव जाँच
(ग) अभिरुचि की जाँच
(द) स्थित जाँच अभिप्रेरणा जाँच
1. सामान्य जाँच
(i) लिखित जाँच : यह जाँच कर्मचारी की योग्यता का मापन, उसकी भाषा, शब्द ज्ञान और विचार व्यक्त करने के तरीके का मापन करती है।
(ii) व्यापारिक जाँच : निश्चित कार्य या मशीन और औजार में उत्कृष्टता का मापन होता है। यह जाँच टाइपिस्ट, स्टेनोग्राफर, टेलीफोन ऑपरेटर और ड्रायवरों आदि की नियुक्ति में लाभकारी है।
(iii) मेडिकल जाँच : उम्मीदवार की शारीरिक दक्षता का मापन होता है और निर्धारित कृत्य के प्रति उसकी योग्यता का पता चलता है।
(iv) कृत्य के दौरान जाँच : उम्मीदवार की कृत्य हेतु रखा जाता है और उसकी कार्य के दौरान दक्षता का परीक्षण विभागीय प्रमुख द्वारा होता है।
2. मनोवैज्ञानिक परीक्षण
यह जाँच बुद्धिमत्ता, कौशल और मानसिक जागरूकता का मापन है।
बर्ट के अनुसार, “मनोवैज्ञानिक जाँच का प्रमुख उद्देश्य मानसिक प्रदर्शन का अवलोकन करने के लिए संख्यात्मक मापदण्ड तैयार करना, जिससे यह जाना जा सके कि एक व्यक्ति विशेष परिस्थिति में क्या करेगा।”
निम्नलिखित मनोवैज्ञानिक जाँच आयोजित होती है:
(a) उपलब्धि जाँच : यह जाँच उम्मीदवार के ज्ञान और कुशलता का मापन करती है जो कि उसके द्वारा प्राप्त की गई है।
(b) डेक्सटेरिटी जाँच: यह जाँचता है कि कितनी कुशलता से और कितनी जल्दी उम्मीदवार अपने दिमाग और उंगलियों का पूरा इस्तेमाल कृत्य के प्रदर्शन हेतु कर पाएगा।
(c) बुद्धिमत्ता जाँच : यह जाँच व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा और त्वरित निर्णय क्षमता का मापन करता है, साथ ही नेतृत्व व सामंजस्य बैठाने की क्षमता का भी।
(d) व्यक्तित्व, चरित्र और अभिरुचि जाँच : यह जाँच उम्मीदवार के गैर बुद्धिमत्ता विशेषताओं का मापन होता है। जैसे दूसरों के साथ सामंजस्य या अभिप्रेरित करने की योग्यता। व्यक्तिगत जाँच साहस, त्वरित निर्णय, धैर्य, पसंद, नापसंद आदि के मापन हेतु होता है।
(e) रुचि की जाँच : यह कर्मचारियों की कार्य के प्रति रुचि का मापन करता है। इस परीक्षण के संपन्न होने के बाद कर्मचारी की उसकी योग्यता अनुसार कार्य सौंपा जाता है।
(f) बदलाव जाँच : यह जाँच उम्मीदवार की गति और सटीकता का मापन कार्य के दौरान करती है।
(g) अभिरुचि जांच : इस जाँच के द्वारा कर्मचारी की कार्य के प्रति अभिरुचि और झुकाव का मापन होता है, जो उन्हें सौंपा जाता है।”
(h) परिस्थिति जाँच : यह जाँच दबाव, जवाब और प्रतिक्रिया जो उम्मीदवार कार्य की वास्तविक व्यापारिक परिस्थितियों में करते हैं के मापन हेतु किया जाता है। वे उम्मीदवार जो उचित प्रतिक्रिया देते हैं, उनका चयन हो जाता है।
(i) अभिप्रेरणा जाँच : यह जाँच की जाती है कि कर्मचारी का उसके पद के संदर्भ में रुचि, व्यक्तित्व आदि का अनुमान लगाने में।
उपरोक्त जाँच द्वारा उम्मीदवार के आंतरिक और बाह्य मूल्य का पता लगाया जाता है। यह उम्मीदवार की छुपी दक्षता को बाहर लाता है। इस परीक्षण से उम्मीदवार की बुद्धि से संबंधित व अन्य विशेषताओं को खोला जाता है। यह जाँच अधिक प्रतिस्पर्धी बुद्धिमान और योग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करने हेतु की जाती है।