जॉब साक्षात्कार


जॉब साक्षात्कार

साक्षात्कार संभवतया सबसे ज्यादा उपयोगी चयन का औजार है। साक्षात्कार एक विशेष प्रयोजन के लिये दो व्यक्तियों के बीच आमने सामने का संवाद है। इस विधि में आवेदन के व्यक्तित्व (उसके) बुद्धिमत्ता, शौक तथा जीवन के प्रति सामान्य दृष्टिकोण के बारे में आमने सामने के संपर्क से जाना जाता है।

साक्षात्कार का अर्थ : जानबूझकर एक व्यक्ति को किसी प्रयोजन से बाहर लाना, यह खोजनादि वास्तव में वह क्या करना चाहता है एवं उसे अनुरूप कप से स्वयं को व्यक्त करने का मौका देना।

स्काट के अनुसार, “साक्षात्कार एक प्रयोजनपूर्ण विचारों का आदान प्रदान है प्रश्नों के उत्तर देना तथा दो या अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद है।”

वाल्टर एवं अन्य के अनुसार, “साक्षात्कार एक प्रयोजन युक्त बातचीत है तथा प्रयोजन जानकारी प्राप्त करने जानकारी देने एवं मित्र बनाने के लिये है।”

माइकल भी डेनियम के अनुसार, “चयन साक्षात्कार एक चयन पद्धति है जो भविष्य के कार्य प्रदर्शन की भविष्य वाणी करने के लिए बनाई गई है जो आवेदक के मौखिक उत्तर तथा मौखिक जाँच के आधार पर होती है।”

अतः साक्षात्कार उम्मीदवार से उसके कार्य के लिए उपयुक्तता के संबंध में ज्यादा जानकारी प्राप्त करना है।

साक्षात्कार का उद्देश्य

साक्षात्कार के कुछ उद्देश्यों की चर्चा निम्नानुसार है:

1. आवेदक की परख : साक्षात्कार साक्षात्कारकर्ता को एक अवसर देता है आवेदक को जानने का रिक्त आवेदन पत्र तथा परीक्षा से प्राप्त जानकारी की परख उम्मीदवार से बात करनी होती है। यह जानन का अवसर होगा कि पूर्व अनुभव तथा प्रशिक्षण आदि की उम्मीदवार द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी की पुष्टि उसके द्वारा की गई है अथवा नहीं। पहनाना, बातचीत की क्षमता, व्यवहार, स्वभाव आदि की परख साक्षात्कार के दौरान होती है।

2. आवेदक को जानकारी देना : साक्षात्कार मात्र आवेदक को जानने के लिये ही नहीं लिया जाता बल्कि यह एक अवसर है उसको कंपनी एवं कार्य के बारे में जानकारी देने का। आवेदन को कार्य की पद्धति के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है साथ ही कार्य के घंटे, चिकित्सकीय आवश्यकता, उन्नति के अवसर, कर्मचारी लाभ एवं सेवाएं आदि की भी। आवेदक में धैर्यपूर्वक निर्णय लेने की क्षमता होना चाहिए कि कार्य पर उपस्थित हो अथवा नहीं।

3. सद्भाव बढ़ाना : एक साक्षात्कार कंपनी के लिये सद्भाव बढ़ाने का भी अवसर देता है। साक्षात्कार देने वाले से विनम्रता व्यवहार करना चाहिये, यदि चुने जाने की संभावना न हो तो उसका कारण बताना चाहिये तथा रचनात्मक सुझाव उन्हें देना चाहिये। ये सभी चीजें कंपनी की अच्छी राय देंगी।

4. सामंजस्य की स्थापना : साक्षात्कार व्यक्तिगत विभाग तथा आवेदन के बीच में जो नियुक्त होता है, सामंजस्य का आपसी समझ की भावना तथा विश्वास स्थापित करता

5. अमूल्य औजार / साधन : साक्षात्कार करना अनुशासन कार्यवाही, शिकायत से निबटने तथा संबंध से संबंधों में, अमूल्य औजार है।

6. समस्याओं को हल करना : सलाहकारी साक्षात्कार, जानकारी इकट्ठा करना या तथ्यों को ढूँढ़ने की बैठक है किन्तु उनका मुख्य उद्देश्य समस्याओं को हल करना।

7. निकासी : निकासी या बर्खास्तगी साक्षात्कार पता लगाना चाहता है कि एक कर्मचारी क्यों कंपनी छोडना व और कहीं कार्य करना चाहता है।

8. रिचर्ड केलहॉन के अनुसार साक्षात्कार चयन प्रक्रिया में तीन अहितीय योगदान देता है:

1.यह एकमात्र रास्ता है आवेदन को गति में देखने, शिष्टाचार उसकी औपचारिकता को देखने का ।

2.यह एकमात्र रास्ता है परखने का कि वह कैसे मेलजोल तथा प्रत्युत्तर देता है।

c.यह सबसे श्रेष्ठ तरीकों में से एक है कार्य प्रदर्शन की भविष्यवाणी करने का।

अतः चयन साक्षात्कार एक मौका देता है। व्यक्तिगत रूप वे उम्मीदवार को जाँचने तथा उसे प्रश्नों का उत्तर देने के लिये तैयार करने का।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


This will close in 10 seconds