आगमन व्यवहार

आगमन व्यवहार

निम्न महत्त्वपूर्ण आगमन व्यवहार हैं जो प्रायः किसी उद्योग में  उपयोग किए जाते हैं-

1. आगमन निर्देशिका – इस तरह की निर्देशक पुस्तकें इस सूचना के साथ कि क्या आगमन कदम ले लिए गए हैं और क्या कदम और लिए* जाने हैं, सेविवर्गीय विभाग द्वारा तैयार की जाती हैं। इस निर्देशिका किताब में लिए जाने वाले विभिन्न कदम एवं किसके द्वारा एवं कब निर्देश दिए जाने हैं का भी उल्लेख होता है।

2. सलाह या परामर्श-निरीक्षक उसके अंतर्गत कार्य कर रहे नए कर्मचारियों को परिचय देकर एवं सलाह देकर उनका आगमन करवा सकता है।

3. प्लोट की यात्रा – नए कर्मचारी को कम्पनी के सभी ऑपरेशन्स से परिचित कराने हेतु प्लोट तथा विभाग की एक यात्रा की व्यवस्था की जाती है।

4. बाद में साक्षात्कार – बाद में साक्षात्कार के द्वारा सेविवर्गीय विभाग परिस्थितियों से पुनर्समायोजन, डरों को खत्म करने एवं उनके विश्वास को प्राप्त करने के लिए कदम उठा सकता है।

आगमन की समस्याएं

एक आगमन प्रोग्राम कई कारणों से गलत हो सकता है। HR विभाग को इन त्रुटियों से बचने का प्रयत्न करना चाहिए। उनमें से कुछ हैं-

1.निरीक्षक जिसे जॉब दिया गया है, प्रशिक्षित नहीं है या बहुत व्यस्त है।

2.कर्मचारी बहुत थोड़े समय में बहुत सारी सूचना से अभिभूत है।

3.कर्मचारी के ऊपर पूरे किए जाने वाले फार्मों का ज्वाला भार डाल दिया गया है।

4.कर्मचारी को सिर्फ निकृष्ट कार्य दिया गया है जो जॉब रुचि एवं कम्पनी के प्रति वफादारी को हतोत्साहित करता है।

5.कर्मचारी को उन कार्यों को करने के लिए कहा गया है जहाँ असफलता के काफी अवसर हैं जो कर्मचारी को बगैर जरूरत के हतोत्साहित करेगा।

6.कर्मचारी पर HR विभाग द्वारा एक विस्तृत आगमन एवं विभागीय स्तर पर एक सुकड़े आगमन के बीच में अन्तरों को भरने हेतु दबाव डाला गया है।

7.कर्मचारी को बहुत जल्दी कार्य पर लगा दिया गया है।

8.कर्मचारी की गलतियाँ कम्पनी को क्षति पहुँचा सकती हैं।

9.हर जॉब पर बिताए गए कम समय के कारण कर्मचारी गलत अवबोधों को विकसित कर सकता है।

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